देहरादून। ज़िले में जारी पंचायत चुनावों की नामांकन प्रक्रिया के दौरान वार्ड सदस्यों के पदों को लेकर उल्लेखनीय उदासीनता देखने को मिल रही है। देहरादून के छह विकासखंडों में वार्ड सदस्यों के कुल 3397 पदों के लिए अब तक केवल 1556 नामांकन ही दाखिल किए गए हैं। आश्चर्यजनक रूप से 671 पदों के लिए कोई भी उम्मीदवार सामने नहीं आया है।
ग्राम पंचायत के बुनियादी ढांचे पर सवाल
लोकतंत्र की नींव माने जाने वाली ग्राम पंचायत तभी सशक्त हो सकती है जब वार्ड स्तर पर सक्रिय भागीदारी हो। लेकिन इस बार वार्ड सदस्यों के लिए उम्मीदवारी की स्थिति चिंताजनक है। जानकारों का मानना है कि यह रुझान स्थानीय शासन के प्रति घटती भागीदारी को दर्शाता है।
विकासखंडों में नामांकन की स्थिति विषम
वार्ड सदस्यों के पदों पर नामांकन की स्थिति इस प्रकार है:
विकासखंड | कुल पद | नामांकन |
---|---|---|
रायपुर | 288 | 12 |
डोईवाला | 410 | 279 |
सहसपुर | 496 | 494 |
विकासनगर | 569 | 582 |
कालसी | 793 | 46 |
चकराता | 841 | 43 |
कुल | 3397 | 1556 |
चकराता और कालसी जैसे क्षेत्रों में नामांकन की संख्या अत्यंत कम रही है। इसके विपरीत डोईवाला, सहसपुर और विकासनगर में प्रत्याशियों की भागीदारी संतोषजनक रही है।
अन्य पदों पर दिखी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा
जहां वार्ड सदस्यों के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहे, वहीं ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य पदों पर भारी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है:
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ग्राम प्रधान पद: कुल 409 पदों पर 1018 प्रत्याशी मैदान में
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क्षेत्र पंचायत सदस्य पद: 220 पदों पर 698 प्रत्याशी
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जिला पंचायत सदस्य पद: 30 सीटों पर 113 प्रत्याशी
निष्कर्ष
ग्राम पंचायत चुनावों में वार्ड स्तर पर भागीदारी की यह स्थिति न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह स्थानीय लोकतंत्र की गहराई पर भी सवाल खड़े करती है। जिस स्तर पर लोगों को सबसे अधिक जुड़ाव महसूस होना चाहिए, वहीं उनकी भागीदारी कम होती जा रही है।
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